Copywriting क्या होता है
हेलो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको “कॉपीराइटिंग क्या होता है copywriting kya hai” इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं।कॉपीराइटिंग क्या है? कॉपी राइटर कैसे बने? कॉपीराइटर की क्वालिटी क्या है?एक कॉपीराइटर का क्या काम है?
आपको कॉपीराइटिंग व कंटेंट राइटिंग के बीच का अंतर पता चल जाए और पूरी जानकारी सही ढंग से मिल जाए। आइए बिना देरी के जानते हैं Basic Information of Copywriting…..
आप सभी लोग जानते हैं कि आज संपूर्ण विश्व डिजिटलाइजेशन की दौड़ में शामिल है। लोग यहां पर ऑफलाइन और ऑनलाइन अर्निंग (Online Earning) पर ज्यादा ध्यान देते हैं। सबसे ज्यादा ध्यान ऑनलाइन अर्निंग पर दिया जा रहा है। ऐसे में कॉपीराइटिंग का काम भी फ्रीलांसर के अंतर्गत ही आता है। इसके द्वारा लोग आज घर बैठे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनको कॉपीराइटिंग के विषय में जानकारी नहीं है। जानते भी हैं तो कंटेंट राइटिंग और कॉपीराइटिंग के काम को एक साथ जोड़ देते हैं।
कॉपीराइटिंग क्या होता है :-
कॉपीराइटिंग (Copywriting) का हिंदी अर्थ विज्ञापन लिखना होता है। यह लिखने की एक ऐसी कला होती है, जिसके अंतर्गत मार्केटिंग एडवरटाइजमेंट या फिर सेल के लिए स्क्रिप्ट को टैक्स के रूप में लिखना कॉपीराइटिंग कहलाता है। एक कॉपीराइटर के द्वारा लिखे गए कंटेंट को कॉपी या सेल कॉपी कहा जाता है।
अब यहां आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि यह सिर्फ कॉपी क्या होता है?
आपको बता दें कि सेल्स कॉपी का उद्देश्य कस्टमर को कंपनी का प्रोडक्ट से जुड़े हुए सभी जरूरी एक्शन लेने के लिए प्रेरित करना ही सिर्फ कॉपी होता है।
एक उदाहरण के लिए आप की कोई साबुन बनाने वाली कंपनी है। इसमें आप सेल्स एवं ब्रांड अवेयरनेस को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए आप ऐसे व्यक्ति को हायर करेंगे, जो अच्छे वेबपेज आर्टिकल का प्रमोशन मटेरियल लिखकर दे सके। जिसमे टेक्स्ट को भी शामिल किया गया है। जो व्यक्ति आपका यह काम सही ढंग से कर देगा। उसके सही तरह के प्रोफेशन को ही कॉपीराइटिंग कहा जाता है।
यहां पर कॉपीराइट एक अच्छा आर्टिकल आपके साबुन के लिए लिखेगा। इससे लोग आपके ब्रांड और प्रोडक्ट के प्रति आकर्षित होंगे।इससे आपके सेल में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस तरह से कॉपीराइटिंग का कॉपीराइटर का काम होता है।
कॉपीराइटर क्या होता है . What is a Copywriter
कॉपीराइटर वह लेखक होता है, जो कॉपीराइटिंग अर्थात किसी भी तरह के टैक्स को वेबपेज एड प्रमोशनल मैटेरियल में लिखता है। कॉपीराइटर से जुड़ी हुई कुछ विशेष चीजें जिनकी जानकारी जरूर होनी चाहिए।कॉपीराइटर का कॉपीराइट से संबंध नहीं होता है। एक को प्रोफेशनल कहा जाता है। दूसरा एक्शन से जुड़ा हुआ है।
सभी कॉपीराइटर एडवाइजर नहीं होते हैं। इसकी डेफिनेशन को पढ़कर किसी तरह से कंफ्यूज ना हो।मेडिकल से जुड़े हुए कॉपीराइटर्स के अपनी खुद की नीच है, इसीलिए वह रेगुलर कॉपीराइटिंग नहीं करते हैं।
कॉपीराइटर के कार्य :-
कॉपीराइटर के भी कुछ काम होते हैं उन कामों की जानकारी इस प्रकार है…
- टेक्स्ट बेस मटेरियल लिखना
- टॉपिक रिसर्च
- प्रूफ रीडिंग
- एडिटिंग करना
- इंटरव्यू लेना
- प्रोजेक्ट को मैनेज करना
- मार्केटिंग कंपनी को प्लान करने के लिए साथ में उनको एग्जीक्यूट करना
इन सब चीजों को एक कॉपीराइटर को मैनेज करना पड़ता है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक कॉपीराइटर कितने काम करता है। लेकिन इतना काम करने के लिए भी कुछ क्वालिटीज का होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कौन कौन सी क्वालिटी होनी चाहिए…
Copywriting के लिए जरूरी क्वालिटीज :-
कॉपीराइटिंग में अपना लक आजमाना चाहते हैं अर्थात कॉपीराइटिंग काम करना चाहते हैं। उसके लिए कुछ जरूरी क्वालिटीज का होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं..
1. ग्रामर की सही पकड़ :-
कॉपीराइटिंग के फॉर्म में सबसे जरूरी क्वालिटी में ग्रामर होनी चाहिए। आपने एक बेहतरीन कॉपी लिखी है। उसको सभी लोग पढ़ना पसंद करेंगे। इसमें कंपनी के विजिटर्स या फिर रीडर्स एक समय के बाद में कस्टमर बन जाएंगे। इसलिए सही ग्रामर का होना जरूरी है।
इस प्रोफेशन में टाइप मिस्टेक ग्रामर मिस्टेक नहीं होनी चाहिए। रिटर्न कॉपी को प्प्रूफ रीडर कर सकते हैं। प्रूफ्र रीडिंग का काम आपके कंटेंट की मिस्टेक को सुधार देगा। इसके अलावा अगर आप कंटेंट को जोर-जोर से पढ़ते हैं तो इसमें जो भी गलती हुई है वह सामने आ जाएगी।
2. SEO की सही जानकारी :-
कॉपीराइटिंग में एसिंओ की जानकारी दी बहुत मायने रखती है। थोड़ा सा भी काम अगर आपको आता है। किसी कंपनी के प्रोडक्ट के लिए कोई आप ब्लॉग पोस्ट लिखते हैं। वह पोस्ट आपको s.e.o. में ध्यान में रखकर लिखनी होगी।
अगर आप ऐसे की मदद से अपने कंटेंट में स्पेसिफिक कीवर्ड के लिए ऑटोमाइज नहीं करते हैं। सर्च इंजन में आकर कंटेंट को SERPs मैं डिस्प्ले करें। आप कितना भी अच्छा कंटेंट लिख ले, लेकिन आपके कंटेंट को कोई सर्च इंजन में नहीं ढूंढ पाएगा। इसलिए वो सब बेकार है। यहां seo भी इसमें बहुत महत्वपूर्ण है।
3. सभी प्रकार के CMS का काम :-
कॉपीराइटिंग में आपको अपने क्लाइंट को सीएमएस अर्थात वर्डप्रेस, joomla, मीडियम आदि पर काम करने की जानकारी होनी चाहिए। इसके बारे में सभी जरूरी जानकारी आपको निकालनी होगी। फिर आपको काम सीएमएस राइटिंग में ही मिल पाएगा। इन सब को समझने के लिए आपको ज्यादा मेहनत की भी आवश्यकता नहीं होगी। पहले से अगर आप इनकी जानकारी रखते हैं तो थोड़ा बहुत आप एचटीएमएल के बारे में जानते ही होंगे।
4. क्वालिफिकेशन :-
राइटर के लिए किसी भी एक विषय से संबंधित मान्यता प्राप्त बैचलर डिग्री जरूर होनी चाहिए। इसके साथ खुद का पोर्टफोलियो भी होना चाहिए। क्वालिफिकेशन व ट्रेनिंग से ज्यादा पोर्टफोलियो को इंपॉर्टेंस दी जाती है। इसीलिए पोर्टफोलियो बनवाना आना चाहिए। पोर्टफोलियो में कॉपीराइटिंग से संबंधित प्रोजेक्ट या ऐड की जानकारी होनी चाहिए। ताकि हायर करने वाले व्यक्ति को आप की क्रिएटिविटी और आपकी योग्यता के बारे में सही जानकारी मिल सके।
कॉपीराइटर aur कंटेंट राइटिंग में क्या अंतर है :-
कॉपीराइटिंग और कॉपीराइटर में बहुत से ऐसे लोग हैं जो कंफ्यूज हो जाते हैं। बहुत से लोग इनको एक ही चीज से जोड़ते हैं। कुछ लोग इन दोनों कामों को लिखने का मानते हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि यह दोनों ही एक दूसरे से अलग काम है। कॉपीराइटिंग का मतलब मार्केटिंग और प्रमोशन कंटेंट सही भाषा में लिखना होता है। जबकि कंटेंट राइटिंग का मतलब ब्लॉग वेबसाइट पर सूचनात्मक पेज लिखने से होता है। जैसे ब्लॉग, पोस्ट, प्रोडक्ट पेज इत्यादि। कंटेंट राइटिंग में किसी भी चीज की जानकारी लोगों तक पहुंचा दी जाती है। कॉपीराइटिंग में लोगों से एक विशिष्ट एक्शन करवाना पड़ता है।
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से “कॉपीराइटिंग क्या होता है” इसके बारे में जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा कॉपीराइटर वह कॉपीराइटिंग के बारे में भी हमने यहां बताया है। अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी तो इसको अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और इस पोस्ट से संबंधित अन्य किसी सवाल यह सुझाव के लिए अब हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके भी बता सकते हैं।