चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थियों को कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए. जो विद्यार्थी जीवनकाल में इन बातों पर ध्यान नहीं देता है उसका जीवन में अंधकार छा जाता है.
समय का महत्व- चाणक्य नीति कहती है कि जो विद्यार्थी समय के महत्व को नहीं समझता है उसे जीवन में सफलता पाने के लिए कठोर संघर्ष करना पड़ता है.
चाणक्य के अनुसार समय किसी के लिए नहीं रूकता है, इस बात को जो जितना जल्दी समझ लेता है, उसकी सफलता की संभावना उतनी ही प्रबल हो जाती है.
आलस- चाणक्य नीति कहती है कि विद्यार्थियों के लिए आलस विष यानि जहर के समान है.
चाणक्य नीति कहती है कि आलसी व्यक्ति को लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद नहीं मिलता है. ऐसे लोगों के जीवन में दुख और धन की कमी सदैव बनी रहती है.
बुरी संगत का त्याग करें-चाणक्य नीति कहती है कि संगत के व्यक्ति की सफलता में विशेष योगदान होता है.
बुरी संगत में लिप्त व्यक्ति कुशल और योग्य होने के बाद भी सफल नहीं हो सकता है. इसलिए बुरी संगत का हर प्रकार से त्याग करना चाहिए. बुरी संगत अवगुणों में वृद्धि करती है.